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चारधाम यात्रा क लिए रोजाना 2000 हुई पंजीकरण की संख्या, फिर नहीं राहत; भीड़ को देखते हुए बंद कर दिए गए थे ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन

चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश तथा हरिद्वार में किए जा रहे आफलाइन पंजीकरण में प्रतिदिन होने वाले पंजीकरण की संख्या अब 2000 यात्री प्रतिदिन कर दी गई है। सोमवार को भी ऋषिकेश में 2000 तीर्थयात्रियों का पंजीकरण किया गया। हालांकि अभी भी यहां पहुंच रहे तीर्थयात्रियों के सापेक्ष यह संख्या राहत देने वाली नहीं है। चारधाम यात्रा शुरू होने के साथ ही धामों में उमड़ी अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने ऋषिकेश तथा हरिद्वार में किए जा रहे आफलाइन पंजीकरण 15 से 31 मई तक बंद कर दिए थे। इस बीच प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को भौतिक पंजीकरण कर यात्रा पर रवाना किया गया था। बीती एक जून से ऋषिकेश व हरिद्वार में 1500 यात्री प्रतिदिन के हिसाब से पंजीकरण करने का निर्णय लिया गया।
सीमित संख्या में खोले गए पंजीकरण से ऋषिकेश में यात्रियों का बैकलाग बढ़ गया था, जिसके बाद सोमवार से प्रशासन ने 500 यात्रियों के लिए और पंजीकरण खोल दिया। सोमवार को 1500 यात्रियों के अलावा 500 अतिरिक्त यात्रियों का पंजीकरण कर यात्रा पर रखना किया गया। अब फिलहाल 2000 यात्रियों का प्रतिदिन ऋषिकेश में पंजीकरण हो सकेगा। हालांकि ऋषिकेश में पहुंच रहे तीर्थयात्रियों की संख्या को देखते हुए 2000 पंजीकरण भी नाकाफी हैं। फिलहाल ऋषिकेश में करीब 2500 से अधिक तीर्थयात्रियों का बैकलाग बना हुआ है। अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने बताया कि मंगलवार के लिए ऋषिकेश के ट्रांजिट कैंप, आइएसबीटी तथा अन्य धर्मशालाओं में ठहरे 2000 यात्रियों को टोकन जारी किए गए हैं।

यात्रियों ने किया प्रदर्शन, लगाया जाम
सोमवार को चारधाम यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए टोकन नहीं मिलने पर कुछ तीर्थयात्री भड़क गए। उन्होंने आइएसबीटी मार्ग पर हंगामा करते हुए रोडवेज की बसों को रोक दिया। मामला बढ़ने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह उन्हें शांत कराया। सोमवार की दोपहर मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार तथा अन्य राज्यों के तीर्थयात्रियों ने यह कहते हुए मार्ग पर जाम लगा दिया कि उन्हें लाइन में काफी इंतजारी के बाद भी पंजीकरण के लिए टोकन नहीं दिए गए। मौके पर पहुंचे कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शंकर सिंह बिष्ट ने यात्रियों को टोकन तथा पंजीकरण व्यवस्था से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि अगले दिन होने वाले पंजीकरण के लिए एक दिन पहले टोकन जारी किए जाते हैं। उसमें भी अधिक दिनों से यहां ठहरे यात्रियों को वरीयता दी जाती है। उन्होंने बताया कि किसी भी यात्री को बिना पंजीकरण वापस नहीं भेजा जाएगा। बल्कि पंजीकरण की उपलब्धता होने पर निश्चत रूप से उनका पंजीकरण किया जाएगा। जिसके बाद तीर्थयात्रियों का गुस्सा शांत हुआ।

पांच हजार प्रतिदिन की जाए ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या
संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति से जुड़ी परिवहन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर चारधाम यात्रा पंजीकरण संबंधित समस्याओं से अवगत कराया। टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी और यातायात सहकारी संघ के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने अवगत कराया कि चारधाम यात्रा के कपाट खुले हुए एक महीने होने को हैं। चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने प्रचार प्रसार के जरिए देशवासियों को आमंत्रित किया है। जिसकी वजह से चारधाम यात्रा में अत्यधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा पंजीकरण बंद कर दिया जा रहा है, जिससे यात्रा में व्यवधान हो रहा है। चारधाम यात्री परेशान हो रहे हैं।
संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति की बसें भी खड़ी हैं। ऐसे में बस मालिकों को भी परेशानी हो रही है। इसलिए यात्रा के बेहतर संचालन के लिए आफलाइन पंजीकरण की संख्या को बढ़ाकर पांच हजार प्रतिदिन किया जाए। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गढ़वाल कमिश्नर को मामले में सकारात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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