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उत्तराखंड में लगेगा सौर कौथिग, देश में अपनी तरह का पहला आयोजन; दो दिन होगी आपके फायदे की बात

उत्तराखंड में आगामी 16 और 17 दिसंबर को सौर कौथिग का आयोजन किया जा रहा है। जो कि देश में अपनी तरह का पहला आयोजन है। सौर ऊर्जा से संबंधित मेला देहरादून के रेंजर्स मैदान में आयोजित होगा। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि सौर कौथिग के माध्यम से प्रदेशवासियों को सौर ऊर्जा के लाभों और योजनाओं से परिचित कराया जाएगा और इससे ज्यादा में ज्यादा संख्या में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास है, क्योंकि रूफटॉप सोलर को अपनाने में जनजागरूकता बहुत अहम भूमिका निभाती है।

उपभोक्ताओं का बिजली बिल घटेगा
रूफटॉप सोलर से उपभोक्ताओं का बिजली बिल घटेगा और राज्य के स्वस्छ ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में प्रयासों को बल मिलेगा। लोगों तक प्रत्यक्ष जानकारी पहुंचाने के लिए 16 और 17 दिसंबर को रेंजर्स ग्राउंड, देहरादून में सौर समृद्ध उत्तराखंड अभियान के तहत सौर कौथिग का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिवसीय सौर मेला सुबह 10 बजे से रात नौ बजे तक चलेगा।

पीएम सूर्य घर योजना की मिलेगी जानकारी
इसमें पीएम सूर्य घर योजना के तहत सोलर सिस्टम लगाने की सारी जानकारी मिलेगी, जिसमें एक करोड़ घरों को सोलराइज करने का लक्ष्य है। सौर कौथिग में आगंतुकों को सोलर वेंडर्स से सिस्टम को लगाने के बारे में आमने-सामने जानकारी लेने का मौका मिलेगा। यहां पर ग्राहकों को रूफटॉप सोलर के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराने की भी सुविधा मिलेगी। सौर कौथिग में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और सोलर हीटर से जुड़ी जानकारियां भी दी जाएंगी।

सीएम धामी करेंगे शुभारंभ
इस सौर कौथिग के साथ हम जन-जागरूकता के लिए कई नए प्रयास भी शुरू करने जा रहे हैं। 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री इस सौर कौथिग के साथ जनजागरूकता के लिए सोलर वैन और म्यूरल आर्ट का उद्घाटन करेंगे। सौर कौथिग में प्रमुख विषयों पर परिचर्चा, रूफटॉप सोलर के यूर्जस के साथ बातचीत, स्कूल आर्ट और कॉलेज स्टार्टअप उत्तराखंड कंपटीशन साथ अन्य कार्यक्रम भी रखे गए हैं। इन प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भी सौर ऊर्जा की तरफ लोगों का ध्यान खींचने का प्रयास किया जाएगा। सौर कौथिग के दोनों दिन शाम में प्रदेश के जान-माने कलाकार सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करेंगे और सौर ऊर्जा को अपनाने की अपील करेंगे। जन-जागरूकता के अब तक के प्रयासों से हमें काफी सफलता मिली है। राज्य ने पिछले सात महीनों में उल्लेखनीय प्रगति की है। बावासीय सोलर खंड में 23 मेगावाट से अधिक की सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित हो चुकी है। पॉलिसी रिसर्च थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) के अध्ययन के अनुसार, उत्तराखंड में लगभग एक गीगावाट सौर ऊर्जा लगाने की आर्थिक क्षमता मौजूद है। सीईईडब्ल्यू नॉलेज पार्टनर के रूप में इस सौर कौथिग के आयोजन में सहायता कर रहा है।

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