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मरीजों की दिक्कत दूर करेगा Ayushman Yojana का नया पोर्टल, अप्रूवल और क्लेम में नहीं आएगी परेशानी

आयुष्मान योजना के तहत मरीजों की दिक्कत को करने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अपना अलग पोर्टल तैयार करेगा। स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने इसके निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने गुरुवार को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान पोर्टल की वजह से योजना के संचालन में आने वाली परेशानियों को देखते हुए राज्य स्तर पर अलग पोर्टल तैयार करने को कहा गया।

अप्रूवल और क्लेम में न आए कोई परेशानी
डा. रावत ने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि मरीजों के इलाज के अप्रूवल और क्लेम आदि में किसी भी तरह की परेशानी न आए। इसके साथ ही उन्होंने योजना में मितव्ययता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान प्रमुख योजना है और लाखों लोग इससे जुड़े हैं। ऐसे में लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार, प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी, निदेशक वित्त अभिषेक आनंद, निदेशक प्रशासन डा.विनोद टोलिया, अपर निदेशक प्रशासन अतुल जोशी, अपर निदेशक आइटी अमित शर्मा समेत कर्मचारी/पेंशनर्स संगठनों के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

इंश्योरेंस मोड पर सहमत नहीं मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी कर्मचारियों के लिए संचालित राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में आ रही बजट की कमी को दूर करने के लिए किए जा रहे उपायों पर भी चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि इंश्योरेंस और ट्रस्ट मोड का तुलनात्मक अध्ययन कर प्रस्ताव बनाया गया है। कर्मचारी एवं पेंशनर्स के अंशदान की अपेक्षा अधिक खर्च होने से योजना का निर्बाध संचालन में दिक्कत आ रही है। कुछ अस्पतालों ने सेवाएं देने से असमर्थता जता दी है। एसजीएचएस में गैप फंडिंग को लेकर भी शासन को पत्र लिखा गया है। जिस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि इस समस्या के समाधान को शासन स्तर पर वित्त विभाग के साथ बैठक की जाएगी। आयुष्मान योजना को इंश्योरेंस मोड पर देने की चर्चा पर कहा कि अधिकांश राज्यों में ट्रस्ट मोड पर ही आयुष्मान योजना संचालित हो रही है। जो प्रदेश इंश्योरेंस मोड में चला रहे हैं, वह भी ट्रस्ट में आने की बात कर रहे हैं।

छूटे पेंशनर को मिलेगा गोल्डन कार्ड का लाभ
उत्तराखंड के लगभग 30 हजार पेंशनर को पुन: इस योजना से जुड़ने का विकल्प दिया जाएगा। यह वह पेंशनर हैं, जो पूर्व में योजना से अलग हो गए थे। काफी वक्त से इन्हें योजना से जुड़ने का एक विकल्प देने की मांग उठ रही है।

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