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देश में हर 40 दिन में एक नया हवाई अड्डा, उड्डयन क्षेत्र में भारत की तेजी से वृद्धि

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नागरिक उड्डयन सबसे तेज गति से बढ़ने वाला क्षेत्र है। यह आठ से 10 प्रतिशत की गति से आगे बढ़ा है और भारत में विश्व का तीसरा विशाल घरेलू सिविल एविएशन नेटवर्क बना है। बीते 10 वर्ष में देश में 88 नए हवाई अड्डे जोड़े गए हैं। यानी लगभग हर 40 दिन में एक नया हवाई अड्डा बन रहा है। प्रति घंटा 60 अतिरिक्त उड़ानों की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तत्वावधान में यहां आयोजित उत्तर क्षेत्रीय राज्यों के नागरिक उड्डयन मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहाड़ी राज्यों के लिए पृथक पर्वतीय विमानन नीति बनाने का आग्रह किया। नागरिक उड्डयन को और अधिक सशक्त बनाने के दृष्टिगत राज्यों से सुझाव लेने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने क्षेत्रीय सम्मेलनों की श्रृंखला शुरू की है। इसकी पहली कड़ी में उत्तर क्षेत्रीय राज्यों के नागरिक उड्डयन मंत्रियों का सम्मेलन शुक्रवार को यहां राजपुर रोड स्थित होटल ताज में आयोजित किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री नायडू समेत उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा समेत अन्य राज्यों के मंत्रियों का स्वागत किया। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि आज देश में हवाई सेवा अधिक सुलभ, उपलब्ध व किफायती हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तर क्षेत्रीय राज्यों में हवाई सेवाओं के विस्तार, हेलीपोर्ट की संभावना, मंत्रालय से मदद समेत तमाम बिंदुओं पर राय लेने के लिए क्षेत्रीय सम्मेलनों की शुरुआत की गई है। यह क्षेत्र केवल हवाई सेवा ही उपलब्ध नहीं कराता, बल्कि रोजगार भी पैदा करता है।
ड्रोन, फ्लाइंग ट्रेनिंग जैसे कई संस्थान इससे जुड़े हैं। हवाई सेवाओं के विस्तार के लिए राज्यों का सहयोग चाहिए और हमने हाथ बढ़ाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि समावेशी विमानन विकास के लिए विशिष्ट रणनीति और सहयोग के लिए उनका मंत्रालय प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश के नागर विमानन क्षेत्र में आई ऐतिहासिक प्रगति का प्रमाण है। उड़ान योजना के माध्यम से छोटे शहरों से लेकर दुर्गम क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़कर न केवल आम नागरिकों के लिए हवाई यात्रा सुलभ हुई है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य में विकसित किए जा रहे 18 हेलीपोर्ट में से 12 में सेवाएं प्रारंभ हो गई है। उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में हेली सेवाएं परिवहन का साधन ही नहीं, बल्कि जीवन रेखा बन चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने पर्वतीय राज्यों के लिए पृथक विमानन नीति बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि इसमें विशेष वित्तीय सहायता, संचालन के लिए सब्सिडी, पर्वतीय क्षेत्र के लिए उपयुक्त एटीसी नेटवर्क, सटीक मौसम पूर्वानुमान, स्लाटिंग व आपदा पूर्व तैयारी जैसे प्रविधान शामिल होने चाहिए।
उन्होंने सभी हेली सेवा प्रदाता कंपनियों से पर्वतीय क्षेत्रों में उड़ान के लिए विशेष पायलट प्रशिक्षण, सुरक्षा मानकों का कठोर पालन और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। इस अवसर पर उप्र के मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के मंत्री गौतम कुमार, हरियाणा के मंत्री विपुल गोयल समेत उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, लद्दाख व चंडीगढ़ राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

 

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