खनिजों की खोज में मदद करेगा State Mineral Exploration Trust, उत्तराखंड कैबिनेट ने दी मंजूरी

प्रदेश में अब मुख्य खनिज और माइनर खनिज सामग्री की खोज में राज्य खनिज अन्वेषण न्यास भी मदद करेगा। केंद्र की तर्ज पर राज्य में इस न्यास के गठन को कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके संचालन को केंद्र सरकार तो सहायता देगी ही साथ ही राज्य सरकार भी खनन की रायल्टी से मिलने वाली राशि का पांच प्रतिशत की राशि न्यास को देगी। उत्तराखंड में खनिज व उप खनिज के जरिये खनन अब राजस्व प्राप्ति का प्रमुख जरिया बन रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन विभाग ने एक हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त किया था। केंद्र सरकार ने केंद्र में केंद्रीय खनिज अन्वेषण न्यास का गठन किया हुआ है। यह सभी राज्यों को खनिज अन्वेषण व नए खनिज ब्लाक की खोज के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रहा है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इस प्रकार का न्यास गठित करने की अपेक्षा की थी। इसी क्रम में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने राज्य खनिज अन्वेषण न्यास के गठन का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसे कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। उत्तराखंड में मुख्य खनिज एवं उप खनिज प्रचुर मात्रा में हैं। मुख्य खनिज के रूप में यहां मैग्नेसाइट, लाईम स्टोन व बेसमेंटल की चट्टानें हैं। वहीं उप खनिज के रूप में सोपस्टोन, सिलिका सैंड, बैराइट और नदी तल से मिलने वाली बालू, बजरी व बोल्डर शामिल हैं।
स्वास्थ्य, शिक्षा व स्वच्छता पर विशेष नजर
प्रदेश के खनिज प्रभावित क्षेत्रों में समुचित विकास की दिशा में अब सार्थक कदम उठेंगे। इसके लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाइ) की तर्ज पर बनाई गई उत्तराखंड जिला खनिज फाउंडेशन न्यास नियमावली को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह नियमावली पहले भी लागू थी लेकिन अब इसका दायरा बढ़ाते हुए इसे नए सिरे से लागू किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि खनिज निकासी से प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, पर्यावरण संरक्षा एवं प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य सेवा, मोबाइल हेल्थ केयर यूनिट, स्कूल-कालेजों की स्थापना, दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था, कौशल विकास, स्वच्छता, आवास, कृषि आदि पर विशेष जोर रहेगा। इसके लिए विभाग वार्षिक व पंच वर्षीय कार्ययोजना तैयार करेंगे।