विधवा का घर जब्त करने पर फाइनेंस कंपनी सील! डीएम के एक्शन से एजेंटों में मची खलबली

बैंकिंग संस्थाएं और नान बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां (एनबीएफसी) ऋण की वसूली के लिए नियम कायदों के साथ ही मानवता को भी तार-तार कर रही हैं। ऋण का बीमा होने के बाद भी ऋण लेने वाले व्यक्ति के साथ कोई अनहोनी हो जाने की दशा में बीमा से उसकी भरपाई नहीं की जा रही। बल्कि, ऋण लेने वाले व्यक्तियों का उत्पीड़न उपद्रवी और अपराधी प्रकृति के एजेंटों के माध्यम से कराया जा रहा है। ऐसी ही एक मामले में फाइनेंस कंपनी सीएसएल फाइनेंस लिमिटेड ने पति की मौत के बाद उनकी पत्नी से न सिर्फ जबरन ऋण की वसूली की, बल्कि घर भी जब्त कर लिया। हालांकि, जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस कृत्य को नाकाबिले बर्दाश्त करार देते हुए फाइनेंस कंपनी की आरसी काटने के बाद सोमवार को उसकी शाखा को सील भी करा दिया।
प्रशासन के कदम से नागरिकों का खून चूसने पर उतारू एनबीएफसी और एजेंटों में खलबली
फाइनेंस कंपनी की ओर से किए जा रहे उत्पीड़न की यह कहानी झाझरा निवासी प्रिया की है। प्रिया के पति विकास ने न्यू कैंट रोड स्थित सीएसएल फाइनेंस लि. से अप्रैल 2024 में 6.5 लाख रुपए का गृह ऋण लिया था। कंपनी के ही कहने पर ऋण का टाटा एआइ लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से बीमा भी कराया गया था। बीमा के दौरान आवश्यक शारीरिक परीक्षण भी कराए गए थे।
विकास की मृत्यु के बाद बिगड़े थे आर्थिक हालात
जुलाई 2024 में विकास की आकस्मिक मृत्यु हो जाने पर प्रिया पर अपनी चार छोटी बच्चियों के परवरिश की जिम्मेदारी आ गई। खराब आर्थिक स्थिति के चलते प्रिया ने ऋण अदा करने में असमर्थता जताई। लेकिन, फाइनेंस कंपनी ने एक नहीं सुनी और ऋण की वसूली बीमा से करने की जगह एजेंटों के माध्यम से प्रिया को परेशान करना शुरू कर दिया। कुछ समय बाद एजेंटों ने प्रिया का घर भी जब्त कर लिया।
ऋण का बीमा होने के बाद भी विधवा महिला का घर कर लिया था जब्त
दर-दर भटकने के बाद 11 जुलाई को प्रिया बच्चियों के साथ जिलाधिकारी सविन बंसल की जनसुनवाई में पहुंचीं और न्याय की गुहार लगाई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर अगले ही दिन फाइनेंस कंपनी की आरसी काट दी गई थी। कंपनी को 18 जुलाई तक प्रिया का घर और कागजात वापस लौटकर नो ड्यूज जारी करने का आदेश दिया गया था।
इसके बाद भी फाइनेंस कंपनी ने जब कुछ नहीं किया तो प्रशासन की टीम ने सोमवार को कंपनी की शाखा को सील कर दिया। इसके साथ ही कंपनी की संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।