मुख्य सचिव ने न्यायालयों में सरकारी मामलों की समीक्षा की, कहा- सरकार के अहम प्रकरणों के निस्तारण को हो मजबूत पैरवी

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने न्यायालयों में सरकार के बड़े और महत्वपूर्ण प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण को मजबूत पैरवी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में मुकदमों की पैरवी बेहतर तरीके से करने के लिए विभाग, सरकार और अधिवक्ताओं के मध्य संवाद होना चाहिए। इसके लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
शनिवार को मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में न्यायालयों में चल रहे सरकारी मामलों की बेहतर पैरवी के लिए शासन के उच्चाधिकारियों एवं सरकारी अधिवक्ताओं के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जिन विभागों के अधिकतम मामले न्यायालय में चल रहे हैं, ऐसे विभाग, शासन और अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नामित करें। इससे संबंधित मामलों में किसी भी प्रकार की आवश्यक जानकारी व चर्चा सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों को इसके लिए लगातार अपडेट रहना होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि किसी मामले को न्यायालय में जाने पर उचित विभाग को पक्ष बनाया जाना आवश्यक है। गलत विभाग को पक्ष बनाने पर मामलों में अनावश्यक देरी होती है। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी वादों की समय पर तैयारी और समीक्षा हो सके, इसके लिए कोई एप या साफ्टवेयर तैयार किया जाए। इससे मामलों की जानकारी आसानी से साझा की जा सकेगी। बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव शैलेश बगौली, एडीजी डा वी मुरुगेशन, एपी अंशुमान, सचिव डा पंकज कुमार पांडेय, डा रंजीत सिन्हा एवं युगल किशोर पंत सहित सरकारी अधिवक्ता उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी वादों की समय पर तैयारी और समीक्षा हो सके, इसके लिए कोई एप या साफ्टवेयर तैयार किया जाए। इससे मामलों की जानकारी आसानी से साझा की जा सकेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख सचिव न्याय प्रदीप पंत, सचिव शैलेश बगौली, एडीजी डा वी मुरुगेशन, एपी अंशुमान, सचिव डा पंकज कुमार पांडेय, डा रंजीत सिन्हा एवं युगल किशोर पंत सहित सरकारी अधिवक्ता उपस्थित थे।