पर्यटन व तीर्थ स्थलों की जानकारी अन्य राज्यों से साझा करेगा उत्तराखंड, सैलानियों को होगा फायदा

नैसर्गिक सुंदरता से परिपूर्ण मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड पर्यटन और तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सैलानियों व तीर्थयात्रियों की हर साल बढ़ती संख्या इसका उदाहरण है। यही नहीं, उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में लोग अन्य राज्यों में पर्यटन व तीर्थाटन के लिए जाते हैं। ऐसे में विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड आने वाले और यहां से दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों को दिक्कतें न हों, इसके लिए उत्तराखंड और अन्य राज्य एक-दूसरे के साथ पर्यटन व तीर्थ स्थलों की जानकारी साझा करेंगे, ताकि यात्रियों की सुविधा के दृष्टिगत कदम उठाए जा सकें। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार उत्तराखंड इस सिलसिले में जल्द ही अन्य राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित करेगा। उत्तराखंड की वादियां हमेशा से ही सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रही हैं। इसके साथ ही चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा समेत विभिन्न पर्वों व अवसरों पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। अनुमान के अनुसार राज्य में प्रतिवर्ष आठ से 10 करोड़ लोग पर्यटन व तीर्थाटन के लिए यहां पहुंचते हैं। इस बार की चारधाम यात्रा को ही लें तो बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में अब तक 45.47 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। अभी यात्रा जारी है और आने वाले दिनों में यह आंकड़ा और बढ़ेगा। यही नहीं, उत्तराखंड से विभिन्न राज्यों में स्थित तीर्थस्थलों में दर्शन और पर्यटक स्थलों के दीदार को बड़ी संख्या में लोग जाते हैं।
इस परिदृश्य के बीच पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को कई मर्तबा दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में उत्तराखंड आने वाले और दूसरे राज्यों में यहां से जाने वाले पर्यटकों व यात्रियों को पर्यटक व तीर्थस्थलों, वहां उपलब्ध सुविधाओं, आवागमन के साधनों, पार्किंग की व्यवस्था, संबंधित स्थल के आसपास के क्षेत्रों की जानकारी जैसे बिंदुओं की जानकारी होना आवश्यक है।
साथ ही मशीनरी को भी यह मालूम होना चाहिए कि किस-किस राज्य से कितने लोग आ रहे हैं, ताकि इसके अनुसार व्यवस्था को और अधिक दुरुस्त किया जा सके। अब इस दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।