Doon Daily News

आवाज़ उत्तराखंड की

Uttarakhand के लिए गेमचेंजर बनीं ये योजनाएं, पर्यटकों को मिलेगा सुकून; भरेगा सरकारी खजाना

उत्तराखंड में पर्यटन व आर्थिक की गतिविधियां पूरे वर्ष चलें, इसके लिए नए रास्ते बनाने में आध्यात्मिक पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। राज्य में आध्यात्मिक पारिस्थितिकी तंत्र पहले से है। रजत जयंती वर्ष में इसे और सुदृढ़ और विकसित करने के लिए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कारिडोर, अर्द्धकुंभ, कांवड़ मेले के साथ ही शारदा कारिडोर व मानसखंड मंदिर माला मिशन के रूप में गेमचेंजर योजनाओं को धरातल पर आकार दिया जाएगा। पुष्कर सिंह धामी सरकार ने नए बजट में इन योजनाओं पर विशेष भरोसा जताया है। चारधाम समेत धार्मिक पर्यटन राज्य की आर्थिकी का बड़ा आधार है। यद्यपि, चारधाम यात्रा पूरे वर्षभर संचालित नहीं होती। वर्षभर यात्रा चले, इसके दृष्टिगत शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

पीएम मोदी दे चुके हैं आध्यात्मिक पर्यटन का सुझाव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं इसे बढ़ावा देने के साथ ही आध्यात्मिक पर्यटन का सुझाव राज्य सरकार को दे चुके हैं। इन सुझावों को क्रियान्वित कर आर्थिक गतिविधियों को विस्तार देने की तैयारी प्रदेश सरकार ने की है। धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन इस मध्य हिमालयी प्रदेश की विरासत है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। जिन स्थलों पर श्रद्धालुओं की अधिक आवाजाही है, उन्हें सुव्यवस्थित ढंग से विकसित किया जाएगा। इससे तीर्थाटन के साथ पर्यटन की गतिविधियां बढ़ाने में सहायता मिलेगी। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में सरकार ने इस कार्ययोजना को वित्तीय संबल दिया है। हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे शहरों को विकसित करने के लिए गंगा कारिडोर योजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।

मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए 25 करोड़ की राशि
उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड के लिए बजट में 168 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग की दृष्टि से भी विकसित किया जा रहा है, साथ में हिमालयन संग्रहालय के लिए 2.64 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इससे पूरे प्रदेश के आध्यात्मिक स्थलों के साथ ही पर्यटक स्थलों की जानकारी एक ही स्थान पर विस्तार से मिल सकेगी। कुमाऊं मंडल में शारदा कारिडोर के लिए 10 करोड़ व मानसखंड मंदिर माला मिशन के लिए 25 करोड़ की राशि रखी गई है। प्रयागराज में महाकुंभ की भव्य व्यवस्था रही है।

2027 में प्रदेश में होना है अर्द्धकुंभ
अर्द्धकुंभ वर्ष 2027 में प्रदेश में होना है। इसके लिए व्यवस्था बनाने के लिए प्रदेश सरकार अभी से सतर्क है। नए बजट में प्रारंभिक तैयारियों के लिए 10 करोड़ रखे गए हैं। कांवड़ मेले को भी आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से अधिक महत्व दिया जाएगा। इसके लिए सात करोड़ की राशि निकाली गई है। टिहरी झील के विकास को 100 करोड़ और नए पर्यटन स्थलों के विकास पर 10 करोड़ खर्च किए जाएंगे।

Copyright Doon Daily News2023 ©Design & Develop by Manish naithani 9084358715 All rights reserved. | Newsphere by AF themes.