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Uttarakhand में भारी बर्फबारी बनी मुसीबत, 160 गांवों में लोग घरों में कैद

उत्तराखंड में आसमान से मुसीबत बरस रही है। दो दिन से प्रदेशभर में वर्षा-बर्फबारी का दौर जारी है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में भारी हिमपात से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। पर्वतीय जिलों में 15 प्रमुख राजमार्ग के साथ ही 50 से अधिक संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। जिससे डेढ़ सौ से अधिक गांवों में लोग घरों में कैद हो गए हैं। बिजली-पानी और संचार सेवाएं ठप होने से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। इसके अलावा सब्जी-रसद समेत अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति भी बाधित है। मवेशियों के लिए चारे का इंतजाम करना भी चुनौती बन गया है। इसके अलावा तापमान में भारी गिरावट के कारण समूचा उत्तराखंड कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी चोटियों पर हल्का हिमपात होने और निचले इलाकों में कहीं-कहीं बूृंदाबांदी होने की आशंका है।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात बन गया मुसीबत
प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में बीते गुरुवार की सुबह से ही घने बादलों का डेरा है और हल्की से मध्यम वर्षा के साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात का क्रम बना हुआ है। करीब 36 घंटे तक प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में वर्षा-बर्फबारी हुई। 2800 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात मुसीबत बन गया। पहाड़ों में सभी जगह बर्फबारी हुई है और निचले इलाकों में भी भारी बारिश दर्ज की गई। गढ़वाल मंडल में करीब 100 और कुमाऊं में 60 गांव का संपर्क कटा हुआ है। हालांकि, मार्गों को खोलने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरानी के पास हिमस्खलन व मलबा आने से बंद हो गया। गंगनानी से डबरानी के बीच लगातार बारिश के चलते पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। रुद्रप्रयाग में लगातार हो रही बारिश के चलते गौरीकुंड हाईवे कुंड-काकड़ागाड़ के बीच सुबह से मलबा एवं पत्थर आने बाधित है। शुक्रवार की सुबह साढ़े नौ बजे कर्णप्रयाग-रानीखेत लिंक मोटर मार्ग पर सुभाषनगर बैंड के समीप एक विशालकाय चीड़ का पेड़ गिरने से बिजली लाइन को नुकसान पहुंचा और वाहनों की आवाजाही प्रभावित रही। बाद में एसडीआरएफ और पुलिस टीम ने पेड़ को काटकर लिंक मोटर मार्ग पर आवाजाही शुरू कराई।

आम जनजीवन प्रभावित
बारिश से देवाल-खेता मोटर मार्ग सुयालकोट में मलबा आने से मार्ग बंद है। इसके अलावा देवाल-ग्वालदम मार्ग पर मलबा आने से आवाजाही ठप हो गई। उधर, कुमाऊं में वर्षा व हिमपात चीन सीमा से संपर्क कट गया है। पिथौरागढ़ जिले में वर्षा के साथ ही मुनस्यारी, बलाती, खलिया तक हिमपात जारी है। इससे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। थल-मुनस्यारी मार्ग बर्फबारी से और धारचूला से तवाघाट तक दो स्थानों पर व तवाघाट-दारमा मार्ग में तवाघाट के निकट नारायणपुर के पास मलबा आने से चीन सीमा का संपर्क भंग हो चुका है। 60 गांवों की तीस हजार की आबादी अलग-थलग पड़ी है। पहाड़ों में मौसम दुश्वारियां बढ़ा रहा है, लेकिन मौसम के बदले मिजाज से काश्तकारों के चेहरे खिले हुए हैं। हिमपात को सेब के लिए अच्छा है। वहीं, बारिश रबी की फसल के लिए संजीवनी मानी जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज भी प्रदेशभर में कहीं-कहीं हल्की वर्षा-बर्फबारी होने के आसार हैं।

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