उत्तराखंड सरकार ने एकल महिलाओं को दी बड़ी सौगात, स्वरोजगार के लिए दो लाख के प्रोजेक्ट पर 75 प्रतिशत सब्सिडी

एकल निराश्रित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से कैबिनेट ने मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को कुछ संशोधन के साथ हरी झंडी दे दी है।
योजना के तहत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए अपना उद्यम स्थापित करने को प्रोत्साहित किया जाएगा और दो लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर उन्हें सरकार की ओर से 75 प्रतिशत, यानी डेढ़ लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। सभी जिलों में लागू होने वाली इस योजना में चालू वित्तीय वर्ष में 2000 एकल महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। इसके लिए 30 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2023 में एकल निराश्रित महिलाओं को उनके घर व आसपास के क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने को मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना की घोषणा की थी। इसके बाद योजना के स्वरूप को लेकर कई दौर का मंथन हुआ। इसका प्रारूप निर्धारित होने के बाद महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से मार्च प्रथम सप्ताह में हुई कैबिनेट की बैठक में इसका प्रस्ताव रखा गया। तब इसे मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन तब कैबिनेट में चर्चा में आए कुछ बिंदु छूट गए थे। इसे देखते हुए शुक्रवार को हुई बैठक में इस योजना को संशोधन के साथ दोबारा कैबिनेट में रखा गया, जिसे स्वीकृति दे दी गई।
योजना में ये महिलाएं होंगी शामिल
एकल (निराश्रित), अविवाहित (जो परिवार पर आश्रित न हो), विधवा, परित्यक्तता, तलाकशुदा, किन्नर, अपराध व एसिड हमले से पीडि़त एकल (निराश्रित) महिलाएं। जिन महिलाओं के बच्चे अवस्यक अविवाहित पुत्री हो, जो अकेले अपना व बच्चों का पालन-पोषण कर रही हो और आर्थिक स्थिति कमजोर हो, वे भी योजना में शामिल होंगी।
योजना में चयनित व्यवसाय
कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, भेड़-बकरी व मत्स्य पालन, उद्यान, फल प्रसंस्करण, ब्यूटी पार्लर, बुटीक, रिपेयरिंग, आल्ट्रेशन, टेलरिंग, सौंदर्य प्रसाधन, जनरल सर्विस, कैंटीन, कैटरिंग, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, डाटा एंट्री, कंप्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली कालिंग, हिंदी काल सेंटर समेत अन्य किसी भी प्रकार के निजी व्यवसाय।
प्रोजेक्ट की लागत
योजना में स्वरोजगार के दृष्टिगत उद्यम स्थापना को अधिकतम दो लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट स्वीकृत किए जाएंगे। लाभार्थी को ऋण के रूप में ली गई धनराशि के सापेक्ष 75 प्रतिशत अथवा अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक की सब्सिडी जो भी अधिकतम हो, दी जाएगी। दो लाख रुपये से अधिक लागत की परियोजना होने पर भी अधिकतम सब्सिडी डेढ़ लाख रुपये ही रहेगी। अब यह प्रविधान किया गया है, जिस अनुपात में प्रोजेक्ट पर लागत लगेगी, उसी अनुपात में सब्सिडी भी तीन किस्तों में दी जाएगी। इसके अलावा स्वीकृति के उपरांत छह माह में प्रोजेक्ट शुरू न होने पर सब्सिडी वापस लेने का प्रविधान भी रखा गया है।
ये होंगी शर्तें
लाभार्थी महिला उत्तराखंड की मूल व स्थायी निवासी हो।
महिला की पारिवारिक आय 72 हजार रुपये सालाना हो।
सरकारी-गैर सरकारी उपक्रम में कार्यरत अथवा राजकीय व पारिवारिक पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाएं पात्र नहीं होंगी।
पूर्व में किसी भी योजना की हितग्राही या वित्तीय संस्थान से डिफाल्टर महिला अपात्र होगी।
पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर पात्र महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।
ऐसे होगा चयन
जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति योजना के लिए लाभार्थियों का चयन करेगी। इसके बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय चयन समिति अंतरिम स्वीकृति प्रदान करेगी।