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उत्तराखंड को चाहिए ‘ग्रीन बोनस’! धामी सरकार ने वित्त आयोग के सामने रखी बड़ी मांग

उत्तराखंड ने 71 प्रतिशत से अधिक वन क्षेत्रों के संरक्षण व उचित प्रबंधन और इस कारण पर्यावरणीय बंदिशों से विकास गतिविधियों पर रोक को देखते हुए ग्रीन बोनस के रूप में विशेष अनुदान की मांग 16वें वित्त आयोग के समक्ष रखी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी तय करने में फारेस्ट कवर के मानक को 20 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया एवं अन्य सदस्यों के साथ बैठक में प्रदेश की वित्तीय परिस्थितियों, चुनौतियों एवं विकास संबंधी आवश्यकताओं पर विस्तृत रूप से राज्य का पक्ष रखा। वन संरक्षण के कारण उत्तराखंड की पर्यावरणीय सेवा लागत अधिक है। एनवायरनमेंटल फेडरललिज्म की भावना के दृष्टिगत राज्य को क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आधारभूत ढांचे को विकसित करने में बाह्य ऋणों पर राज्य की निर्भरता बढ़ी, लेकिन 25 वर्षों में राज्य ने विभिन्न क्षेत्रों के साथ वित्तीय प्रबंधन में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। विकास के मानकों के आधार पर कई उपलब्धियां राज्य के खाते में आईं। वहीं बजट का आकार एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। औद्योगिक पैकेज समाप्त होने से बढ़ीं कठिनाइयां मुख्यमंत्री ने वर्ष 2010 में इंडस्ट्रियल पैकेज समाप्त होने के बाद राज्य को हो रही कठिनाइयों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों और अन्य व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य में निजी क्षेत्र की भागीदारी अत्यंत सीमित है। इन क्षेत्रों के लिए विशेष बजट प्रविधान करने पड़ते हैं। प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अत्यंत राज्य के संवेदनशील होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि राहत तथा पुनर्वास कार्यों के लिए राज्य को सतत आर्थिक सहयोग की आवश्यकता होती है। जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने को स्थापित सारा और आम नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करने को भागीरथ एप का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष अनुदान पर विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने चारधाम यात्रा समेत तीर्थ स्थलों की यात्रा में फ्लोटिंग पापुलेशन से राज्य के अवस्थापना ढांचे पर पड़ रहे अतिरिक्त दबाव को देखते हुए राज्य को सहायता देने पर बल दिया।

आयोग को 31 अक्टूबर तक सौंपनी है रिपोर्ट
16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत जिन चुनौतियों का सामना उत्तराखंड समेत अन्य पर्वतीय राज्य कर रहे हैं, उनके समाधान के लिए व्यापक स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आयोग के समक्ष 31 अक्टूबर, 2025 तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में आयोग के अध्यक्ष डॉ. पनगढ़िया समेत अन्य सदस्यों ऐनी जार्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष, सचिव ऋत्विक पांडेय, संयुक्त सचिव केके मिश्रा का उत्तराखंड राज्य स्थापना रजत जयंती वर्ष में राज्य में आने पर स्वागत किया। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने राज्य की विभिन्न चुनौतियों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया।

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