उत्तराखंड में नदी किनारे अतिक्रमण पर सरकार सख्त, CM धामी बोले- इसमें शामिल हर शख्स नपेंगे

सरकारी भूमि पर कब्जा करने और हेरा-फेरी या कूट रचना कर भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर शिकंजा कसेगा। हरिद्वार में गंगा किनारे, रुद्रपुर में कल्याणी नदी और नैनीताल जिले में कोसी समेत विभिन्न नदियों के किनारों पर अतिक्रमण रोकने को शीघ्र कदम उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे प्रकरणों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि में अतिक्रमण रोकने के लिए मजबूत मैकेनिज्म तैयार किया जाए। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने सरकारी भूमि से हटाए जा रहे अवैध अतिक्रमण की समीक्षा की। अतिक्रमण पर कड़ा रवैया अपनाते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे हटाने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। जिला स्तर पर इसका अनुपालन करते हुए प्रभावी कार्रवाई करें। सिंचाई, लोक निर्माण, वन व राजस्व विभागों की टीम बनाकर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जाए।
शासन स्तर पर नियुक्त होगा नोडल अधिकारी
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण रोकने और अवैध बिक्री को रोकने के उपायों के साथ प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने राज्य के मैदानी क्षेत्रों में अतिक्रमण के मामलों को देखने के लिए शासन स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए।
बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन को कड़े होंगे नियम
मुख्यमंत्री धामी ने एडीजी एपी अंशुमान से कहा कि बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन के लिए नियम और कड़े किए जाने चाहिए। एडीजी ने उन्हें अवगत कराया कि सत्यापन के लिए 18 बिंदुओं पर आख्या मांगी जा रही है, जिसका डाटा राज्य स्तर पर भी संकलित किया जा रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव एसएन पांडेय, एडीजी एपी अंशुमान, विशेष सचिव डा पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।