उत्तरकाशी, चमोली और हरिद्वार में बढ़ानी होगी पीएम आवास शहरी की रफ्तार, रैंकिंग में आई गिरावट

उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में गरीबों को छत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की स्थिति बेहतर नहीं है। 20 सूत्री कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन की ओर से जारी रैंकिंग में इस योजना में आवास निर्माण की प्रगति के आधार पर राज्य को डी श्रेणी मिली है। उत्तरकाशी, चमोली व हरिद्वार ऐसे जिले हैं, जिन्होंने पूरा परिदृश्य बिगाड़ा है। इन्हीं जिलों में योजना को लेकर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। 20 सूत्री कार्यक्रम की रैंकिंग पर नजर दौड़ाएं तो ओवरआल प्रदर्शन के आधार पर कुमाऊं मंडल ने सी और गढ़वाल मंडल ने डी श्रेणी हासिल की है। जिलेवार इस योजना में भवन निर्माण के मामले में उत्तरकाशी, चमोली व हरिद्वार जिले डी श्रेणी में हैं। यानी इन्होंने 59 प्रतिशत से कम अंक हासिल किए हैं। पौड़ी व ऊधम सिंह नगर जिले सी श्रेणी में हैं, जिन्होंने 60 से 79 प्रतिशत के अंक प्राप्त किए। अलबत्ता, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा व नैनीताल ने ए श्रेणी (शत-प्रतिशत अंक) हासिल की। इसके अलावा जल जीवन मिशन में देहरादून डी व नैनीताल जिला सी श्रेणी में हैं। संस्थागत प्रसव में चमोली डी और अल्मोड़ा व चंपावत सी श्रेणी, जननी सुरक्षा योजना में पिथौरागढ़, चंपावत, नैनीताल व हरिद्वार डी श्रेणी में हैं।
कसौटी पर परखे जाते हैं विभाग
20 सूत्री कार्यक्रम एवं क्रियान्वयन के अंतर्गत प्रगति आंकने के लिए वर्तमान में 45 मद निर्धारित हैं। प्रत्येक मद के क्रियान्वयन से लेकर आमजन तक पहुंच रहे लाभ को कसौटी पर परखा जाता है। इसके आधार पर प्रत्येक मद में 100 में से अंक दिए जाते हैं। बीसूका की रैंकिंग दर्शाती है कि विभाग ठीक से कार्य कर रहे हैं या नहीं। इस दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण है।