ज्योतिष महाकुंभ का सीएम धामी ने किया समापन, युवा ज्योतिषियों को किया सम्मानित

देहरादून में आयोजित अमर उजाला ज्योतिष महाकुंभ में आचार्य सेमवाल को ज्योतिष रत्न और पंडित पुरुषोत्तम गौड़ को जन ज्योतिष सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ ही पांच युवा ज्योतिषियों को सीएम धामी ने सम्मानित किया। हमारे ऋषि-मुनि अपने समय के वैज्ञानिक थे। उन्होंने प्राचीनकाल में जो भविष्यवाणियां की थीं, वे आज भी प्रासंगिक और स्थापित हैं। सौर मंडल हो या ज्वार भाटा, पंचांग आज भी सटीक भविष्यवाणी करता है। ज्योतिष महाकुंभ के समापन समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, तीनों काल भूत, भविष्य व वर्तमान को देखने वाला नेत्र ज्योतिष है। धामी ने ज्योतिषियों को सम्मानित करने के बाद कहा, आज नासा भी हमारे ज्योतिष और पुरातन वैदिक ज्ञान का लोहा मानता है। सनातन परंपरा में ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है। कहा, उत्तराखंड में ज्योतिष शास्त्र की लंबी परंपरा और गौरवशाली इतिहास रहा है। यह भूमि प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों और ज्योतिषाचार्यों की तपस्थली एवं साधना का केंद्र रही है। हमारी महान सनातन संस्कृति में प्राचीन काल से ज्ञान, कर्म, उपासना के साथ अलौकिक विद्याओं के रहस्यों को उजागर किया जाता रहा है।
ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान
कहा, वेद, पुराण, उपनिषद जैसे ग्रंथ प्रदान करने वाले भी ऋषि-मुनि ही थे। कहा, ऋषियों ने मानव की भलाई के लिए कई वैज्ञानिक ग्रंथों और मान्यताओं की रचना की। ज्योतिष भी उन्हीं ऋषियों की ओर से दी हुई महान वैज्ञानिक दृष्टि है। प्राचीन काल से भारतीय सनातन परंपरा में ज्योतिष शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। कहा, महर्षि पराशर, आर्यभट्ट जैसे अनेकों विद्वानों के सैकड़ों वर्षों के शोध एवं गणितीय विश्लेषण के बाद तैयार किया विज्ञान आज के कंप्यूटर युग में भी प्रासंगिक है। इस मौके पर स्वामी चिदानंद सरस्वती, ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. कमल घनशाला, ज्योतिषाचार्य केए दुबे पद्मेश, अजय भांबी, पंडित लेखराज शर्मा, आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री, संजीव श्रीवास्तव, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, प्रियंका भारद्वाज, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी आदि मौजूद रहे।