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मिलेट मिशन: उत्तराखंड में किसानों से सरकार ने की 3100 मीट्रिक टन मंडुवा की खरीद, धामी बोले- सकारात्मक परिणाम सामने आए

मिलेट यानी मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने के सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं। कुछ समय पहले तक उपेक्षित रहने वाला मंडुवा अब हाथों-हाथ बिक रहा है। सरकार ने ही इस साल विभिन्न सहकारी समितियों व किसान संघों के जरिए राज्य के किसानों से 3100 मीट्रिक टन मंडुवा की खरीद की है। इस वर्ष किसानों के लिए मंडुवा का समर्थन मूल्य 42.46 रुपये प्रति किलो निर्धारित किया गया है और इसी दर पर यह खरीद भी हुई है। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मंडुवा की खेती परंपरागत रूप से होती आ रही है, लेकिन बदलते वक्त की मार से यह भी अछूती नहीं रही थी। केंद्र के साथ ही राज्य सरकार ने मिलेट को प्रोत्साहन देने को कदम उठाए तो मोटे अनाज की मुख्य फसल मंडुवा के दिन भी बहुरे हैं।

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीद
सरकार ने मंडुवा उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही इसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदने की शुरुआत की। यही नहीं, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लेकर मिड-डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषण कार्यक्रम तक में मंडुवा को शामिल किया। स्टेट मिलेट मिशन के माध्यम से मिलेट फसलों को बढ़ावा और फिर खरीद से लेकर भंडारण तक के कदम उठाए गए। मंडुवा की खरीद के लिए बहुद्देश्यीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से राज्यभर में 270 केंद्र स्थापित किए गए। वर्ष 2020-21 में इन खरीद केंद्रों की संख्या मात्र 23 थी।

संघों व समितियों को प्रोत्साहन राशि
मंडुवा खरीद में सहयोग देने वाले किसान संघों व सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि दी गई। मंडुवा के समर्थन मूल्य में भी 68 प्रतिशत का उछाल आया है। मंडुवा का समर्थन मूल्य वर्ष 2021-22 में 25 रुपये प्रति किलो था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 42.46 रुपये प्रति किलो हो गया। खुले बाजार के साथ ही स्थानीय उत्पादों के अंब्रेला ब्रांड हाउस आफ हिमालयाज के माध्यम से भी मंडुवा उत्पादों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

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