कोई आफताब किसी श्रद्धा के साथ हैवानियत न करे, इसलिए UCC जरूरी; भावुक होकर CM धामी ने और क्या कहा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लिव इन को समान नागरिक संहिता के दायरे में लाना किसी की निजता में दखल देना नहीं, बल्कि युवाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसका उद्देश्य यह है कि दिल्ली की तरह कोई आफताब किसी श्रद्धा के साथ हैवानियत न कर सके। सोमवार को समान नागरिक संहिता की नियमावली व पोर्टल लांचिंग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कई बार उनसे यह कहा गया कि सरकार लिव इन को समान नागरिक संहिता के दायरे में लाकर किसी के बेडरूम में झांकने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह ऐसा नहीं है। यह सभी युवाओं को सुरक्षा प्रदान करना है। युवा आपस काफी अच्छा समय व्यतीत करते हैं। एक साथ रहने के दौरान कई बार उनके संबंध खराब हो जाते हैं। कई बार हत्याएं हुई हैं।
सीएम ने दिल्ली की घटना का किया जिक्र
दिल्ली की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में वर्ष 2022 में श्रद्धा वालकर व आफताब एक साथ रहते थे। वहां 300 लीटर के फ्रीज में श्रद्धा वालकर को काट कर डाल दिया गया था। श्रद्धा वालकर जैसी किसी भी बहन या बेटी के साथ कोई आफताब ऐसी हैवानियत न कर सके, इसलिए ये प्रविधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को यह अधिकार है कि वे अपने कानून बना सकते हैं। समान नागरिक संहिता का उल्लेख संविधान में भी है। यहां मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का साहस दिखाया है। इस दौरान उन्होंने ड्राफ्ट व नियमावली बनाने में सहयोग करने वाले सभी अधिकारियों व कार्मिकों के योगदान की सराहना भी की।