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ऋण-जमा अनुपात में चंपावत, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार अव्वल, जानें किस जिले का कैसा है हाल

प्रदेश के बागेश्वर, पौड़ी व अल्मोड़ा जिले ऋण-जमा अनुपात में सबसे आगे हैं। जबकि, बागेश्वर, पौड़ी व अल्मोड़ा जिले इस मामले में पिछड़े हैं। ऋण-जमा अनुपात से अंदाजा लगाया जा सकता है बैंकों ने जमा राशि के सापेक्ष कितना ऋण वितरित किया। प्रदेश में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाएं अधिक हैं। प्रदेश में विभिन्न बैंकों की कुल 2,572 शाखाएं संचालित हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में स्थापित बैंक शाखाओं के नेटवर्क में 47.12 प्रतिशत बैंक शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में है। वहीं, 23.72 प्रतिशत बैंक शाखाएं अर्धशहरी क्षेत्रों व 29.16 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों में है। ऋण वितरण के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से छह मानक तय किए हैं। इनमें प्राथमिक क्षेत्र, कृषि ऋण, कमजोर वर्ग, महिला, अंतर ब्याज दर (डीआरआई) व जमा एवं अग्रिम अनुपात शामिल हैं। प्रदेश में बैंकों ने 30 सितंबर 2024 तक आरबीआई के मानकों के तहत प्राथमिक क्षेत्र के तहत कृषि, एमएसएमई, शिक्षा, आवास, लघु गतिविधियों के लिए 54,192 करोड़ का ऋण दिया। यह कुल ऋण का 46 प्रतिशत है जो लक्ष्य से छह प्रतिशत अधिक है।

बैंकों में बढ़ी जमा राशि
प्रदेश में बैंकों की सभी शाखाओं में जमा राशि में बढ़ोतरी हुई है। सितंबर 2024 तक बैंकों की कुल जमा राशि 2,07,518 करोड़ से बढ़कर 2,27,375 करोड़ हुई। इसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का योगदान 68.73 प्रतिशत, सहकारी बैंकों का 6.56, निजी क्षेत्र के बैंकों का 19.89 प्रतिशत योगदान है। जमा राशि में हर साल 9.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। इसकी तुलना में ऋण वितरण राशि में 4.68 प्रतिशत की वृद्धि है।

 

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