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Binsar Wildlife Sanctuary Fire: सरकार सख्त… मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो आइएफएस निलंबित, एम्स दिल्ली एयरलिफ्ट किये गए चार झुलसे वनकर्मी

अल्मोड़ा सिविल सोयम वन प्रभाग के अंतर्गत बिनसर वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में लगी आग बुझाने के दौरान इसकी चपेट में आकर चार कर्मियों की मृत्यु और इतने ही झुलसने के प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री के आदेश पर अग्नि नियंत्रण में लापरवाही बरतने पर तीन आइएफएस अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। इनमें मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रो को वन मुख्यालय, देहरादून से संबद्ध किया गया है, जबकि वन संरक्षक उत्तरी वृत्त कोको रोसे और सिविल सोयम वन प्रभाग अल्मोड़ा के डीएफओ धु्रव सिंह मर्तोलिया को निलंबित कर दिया गया है। इन्हें भी वन मुख्यालय संबद्ध किया गया है।
बिनसर वन्यजीव अभयारण्य में गुरुवार को हुई घटना के बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल इसकी जानकारी ली। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुक्रवार को चारों को एयर एंबुलेंस से एम्स, दिल्ली ले जाकर ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। मुख्यमंत्री ने घायलों के स्वजन के दिल्ली में ठहरने की व्यवस्था करने के निर्देश स्थानिक आयुक्त को दिए हैं। केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा और एम्स के निदेशक डा एम श्रीनिवास ने चारों घायलों का हाल-चाल जाना।
शुक्रवार शाम को शासन ने मुख्य वन संरक्षक, वन संरक्षक व डीएफओ के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। कार्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक धीरज पांडेय को मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। सिविल सोयम अल्मोड़ा के डीएफओ का प्रभार नैनीताल के सहायक वन संरक्षक हेमचंद गहतोड़ी और उत्तरी वृत्त के वन संरक्षक का प्रभार पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक को दिया गया है।

दिल्‍ली एम्‍स एयरलिफ्ट किए गए झुलसे वनकर्मी
बिनसर वन्यजीव विहार में जंगल की आग की चपेट में आकर झुलसे चार वन कर्मियों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी बेस अस्पताल से मुख्यमंत्री के विशेष निर्देशों पर दो एयर एम्बुलेंस से दिल्ली एम्स में शिफ्ट किया गया है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री आवास में बैठक में य‍ह निर्देश दिए। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अल्मोड़ा के बिनसर क्षेत्र में जंगल की आग में गंभीर रूप से झुलस कर घायल हुए कर्मचारियों के लिए दिल्ली से दो और एंबुलेंस पंतनगर पहुंची, जिसके बाद सुशीला तिवारी अस्पताल से सभी घायलों को दिल्ली के सफदरजंग स्थित अस्पताल में बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया। अल्मोड़ा के बिनसर क्षेत्र में जंगल की आग को रोकने के लिए गए वन विभाग के आठ कर्मचारी आग की चपेट में आ गए थे, चार वनकर्मियों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी और चार गंभीर झुलसे वन कर्मियों को अल्मोड़ा से हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इन मरीजों को एयर एंबुलेंस से दिल्ली सफदरजंग अस्पताल भेजा गया।
डीएम वंदना भी मौके पर पहुंची और घायलों से मुलाकात की। उन्‍होंने कहा कि अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ एयर एंबुलेंस तक घायलों को भिजवाने में मदद करें। डीएम ने वन विभाग के अधिकारियों से भी जानकारी ली।

तीन दिन में प्रत्येक फायर वाचर का कराएं बीमा, मांगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े रुख के बाद अब जंगलों की आग पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे फायर वाचर का बीमा कराने को लेकर वन विभाग सक्रिय हो गया है। अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन) निशांत वर्मा ने सभी वन प्रभागों को तीन दिन में प्रत्येक फायर वाचर का बीमा कराने के साथ ही इसकी रिपोर्ट वन मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री धामी ने 20 अप्रैल को हुई समीक्षा बैठक में सभी फायर वाचर, दैनिक श्रमिक आदि का सामूहिक बीमा कराने के निर्देश दिए थे। अपर प्रमुख वन संरक्षक वर्मा के अनुसार 23 अप्रैल को इस सिलसिले में सभी वन प्रभागों को बजट जारी करने के साथ ही सामूहिक बीमा जल्द से जल्द कराने को कहा गया था।
कुछ वन प्रभागों में फायर वाचर का बीमा कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अब सभी वन प्रभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन दिन के अंदर प्रत्येक फायर वाचर का सामूहिक बीमा कराना सुनिश्चित करें। साथ ही इसकी रिपोर्ट भी भेजें। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।

 

 

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