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उत्तराखंड समेत चार हिमालयी राज्यों में हिमनदों से बाढ़ का खतरा होगा कम! केंद्र सरकार ने किए 150 करोड़ मंजूर

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड व हिमाचल समेत चार हिमालयी राज्यों में हिमनदों से बाढ़ का खतरा कम करने को 150 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। केंद्रीय जल आयोग 902 ग्लेशियर झीलों और जल निकायों की निगरानी कर रहा है, ताकि इनमें जल प्रचार क्षेत्रों में सापेक्ष परिवर्तन का आंकलन किया जा सके।
लोकसभा में भाजपा सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा पूछे गए सवाल पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जवाब में यह जानकारी दी। सांसद त्रिवेंद्र ने पूछा कि सरकार की पर्यटन पर निर्भर क्षेत्रों सहित स्थानीय समुदाय पर हिमनद की झील के फटने से आने वाली बाढ़ की संभावित घटनाओं के आर्थिक दृष्टि से पडऩे वाले प्रभाव का किस प्रकार आंकलन करने और उसे कम करने की योजना है।

संस्थानों और समुदाय को किया जा रहा सुदृढ़
इस पर केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने 150 करोड़ के वित्तीय परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हिमनद झील जोखिम शमन परियोजना को उत्तराखंड, हिमाचल, सिक्किम और अरुणाचल में कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य हिमनद झील विस्फोट बाढ़ से जुड़े क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं को कम करना है। स्थानीय स्तर पर संस्थानों और समुदाय को सुदृढ़ किया जा रहा है। किसी भी हिमनद झील विस्फोट बाढ़ की घटना के मामले में स्थानीय समुदाय को पूर्व चेतावनी प्रदान करने के लिए सिक्किम के अलावा सी-डेक, इसरो और अंतरिक्ष उपयोग केंद्र, अहमदाबाद के सहयोग से और भी स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गई है।

उत्तराखंड और हिमाचल के लिए ग्लेशियर झीलों की सूची तैयार
वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान ने उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के लिए ग्लेशियर झीलों की सूची तैयार की है। इसमें उत्तराखंड की 7.6 वर्ग मीटर पर फैली 1266 झील और हिमाचल में 9.6 वर्ग मीटर में फैली 958 झीलों की पहचान की गई है। सीडब्लूसी ने ग्लेशियर झीलों के जोखिम सूचकांक के लिए मानदंड को अंतिम रूप दे दिया है।

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