उत्तराखंड के चार हजार गांवों के Law and Order में होने वाला है बड़ा बदलाव, हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला

प्रदेश से राजस्व पुलिस की व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त होने जा रही है। सरकार के निर्णय के अनुसार अब दूसरे चरण में चार हजार से अधिक राजस्व गांव को सिविल पुलिस के दायरे में लिया जा रहा है। पहले चरण में 1200 राजस्व गांव पुलिस के दायरे में लिए जा चुके हैं। अब अन्य गांवों को सिविल पुलिस के दायरे में लेने के लिए शासन ने पुलिस को कार्ययोजना बनाकर प्रस्ताव देने को कहा है। उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में प्रदेश के सभी राजस्व क्षेत्रों को सिविल पुलिस के दायरे में लिया जाना है। प्रदेश सरकार ने राजस्व क्षेत्रों में आने वाले गांवों को चरणबद्ध तरीके से सिविल पुलिस में शामिल करने का निर्णय लिया।
पहले चरण में प्रदेश सरकार ने फरवरी 2023 में राजस्व क्षेत्रों के लगभग 1200 से अधिक गांव में सिविल पुलिस की तैनाती के लिए छह थानों व 21 चौकियों का गठन किया। इनके लिए पद भी सृजित किए जा चुके हैं। इन थानों व चौकियों का गठन हुए दो वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है।
शासन इस अवधि में इन थानों की कार्यशैली और कार्मिकों की संख्या को परख चुका है। ऐसे में दूसरे चरण में अन्य राजस्व गांवों में सिविल पुलिस तैनात करने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में हुई बैठक में इस संबंध में हुई प्रगति की जानकारी लेते हुए इसके लिए जल्द प्रस्ताव बनाने को कहा था।