CM Dhami ने दिल्ली में मुख्यमंत्री परिषद बैठक में किया प्रतिभाग, पीएम मोदी के सामने दिया यूसीसी का प्रेजेंटेशन

राज्य में समान नागरिक संहिता को आमजन का भरपूर समर्थन प्राप्त हो रहा है। समान नागरिक संहिता लागू होने के चार माह के भीतर अब तक डेढ़ लाख से अधिक व्यक्ति विवाह पंजीकरण के लिए आवेदन कर चुके हैं। राज्य के 98 प्रतिशत गांवों से भी इसके लिए विभिन्न प्रकार के पंजीकरण के आवेदन आ चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में समान नागरिक संहिता को लेकर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था बनाई गई है। प्रक्रिया को जनसामान्य के लिए अधिक सुलभ और सहज बनाने के उद्देश्य से एक पोर्टल और समर्पित मोबाइल एप विकसित किया गया है। ग्राम स्तर पर 14 हजार से अधिक जनसुविधा केंद्रों को इससे जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के समय आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए आटो एस्केलेशन और ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम भी लागू किया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता को सफलतापूर्वक लागू करने में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता जाति, धर्म, लिंग आदि में अंतर के आधार पर कानूनी मामलों में होने वाले भेदभाव को समाप्त करने का एक संवैधानिक उपाय है। इसके द्वारा सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके लागू होने से प्रदेश में सही अर्थों में महिला सशक्तीकरण सुनिश्चित होगा। इसके द्वारा हलाला, इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह, तीन तलाक आदि कुप्रथाओं पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता के दायरे से बाहर रखा गया है, जिससे उनका और उनके रीति-रिवाजों का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर नागरिकों में समानता से समरसता स्थापित करने का एक कानूनी प्रयास है। समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही इसके क्रियान्वयन के लिए एक प्रभावी व स्पष्ट नियमावली को भी लागू किया गया है।