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खुशी हो या गम, हर जगह पड़ रहे सीएम धामी के कदम, अपने अंदाज से विरोधियों के साथ समर्थकों को भी चौंका रहे

दीपोत्सव पर जब पूरा प्रदेश अंधेरे पर प्रकाश के जयघोष के साथ उत्साह व उमंग से भीतर-बाहर जग-मग रहा, तब कोई अपना पीड़ितों के बीच पहुंचकर उनके दुख-दर्द में शामिल हो तो मायूसी के अंधेरे में घिरे ऐसे परिवारों व व्यक्तियों के मन में भी उम्मीदों के दीये टिमटिमाने लगते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीपावली पर देहरादून के एक कोने में आपदा से बुरी तरह प्रभावित परिवारों के बीच पहुंचकर उन्हें ऐसा ही भरोसा बंधाया। जन संवेदनाओं से स्वयं को गहरे जोड़े रखने वाले धामी ने कुछ घंटे पहले ही राजनीति में अपने वरिष्ठों एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों से भी उनके आवासों पर भेंटकर उनका आशीर्वाद भी लिया। धामी की राजनीति का यह अंदाज उनके विरोधियों के साथ समर्थकों को भी चौंकने पर मजबूर कर रहा है। चार वर्ष पहले सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने जब प्रदेश की कमान संभाली तो उन्हें कई मोर्चों पर चुनौतियों से जूझना पड़ा। विधानसभा चुनाव का पहले ही मोर्चें पर जब सफलता ने उनके कदम चूमे तो एकाएक भर्ती परीक्षाओं की शुचिता पर युवाओं के डाेलते विश्वास को थामने की जिम्मेदारी युवा मुख्यमंत्री के कंधे पर पड़ी। धामी ने इस अवधि में एक बार नहीं, बल्कि दो बार विकराल होती इस समस्या को सुलझाकर अपनी राजनीतिक समझदारी का लोहा भी मनवाया। उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग हादसे से धैर्य और हौसले के साथ निपटने का परिणाम ये रहा कि इस वर्षाकाल में उत्तरकाशी जिले के ही धराली और फिर चमोली जिले के थराली में भीषण आपदा आई तो धामी सबसे पहले प्रभावितों के बीच पहुंचे थे। वर्षाकाल के अंतिम दिनों में अतिवृष्टि के कहर से देहरादून भी बच नहीं पाया। तब भी धामी ने प्रभावितों के बीच सबसे पहुंचकर उन्हें हौसला बंधाने में कसर नहीं छोड़ी। दीपावली पर्व पर भी मुख्यमंत्री ने इन प्रभावित परिवारों को अकेला नहीं छोड़ा और उनकी सुध ली। देहरादून के एक कोने में सहस्रधारा क्षेत्र के कार्लीगाड के मझाड़ा गांव में प्रभावित परिवारों को उन्होंने पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री धामी ने विनम्र भाव से वरिष्ठों को सम्मान देकर अपने कुशल राजनीतिज्ञ होने का एक बार फिर परिचय दिया। दीपावली के अवसर पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों से उनके आवास पर जाकर भेंट की और उन्हें दीपावली की बधाई एवं शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने सिर्फ भाजपा ही नहीं, कांग्रेस की सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री रहे दिग्गज नेता शामिल रहे। अस्वस्थ चल रहे वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी से मिलकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। पूर्व मुख्यमंत्रियों भगत सिंह कोश्यारी, डा रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत से भी उन्होंने भेंट की तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी आत्मीय भाव से मुलाकात की। बीते दिनों दिल्ली से देहरादून लौटते समय मेरठ में हरीश रावत का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। धामी ने तु़रंत दूरभाष पर उनका हालचाल लिया। बाद में आवास में भेंट के दौरान उनका हाल-चाल जाना।
दीपाेत्सव पर धामी भाजपा कार्यकर्ताओं से भी संवाद करना नहीं भूले। उन्होंने भाजपा के सभी जिलाध्यक्षों से वर्चुअली वार्ता की। उन्हें दीपावली की बधाई दी तो राज्य सरकार की कल्याण योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का अनुरोध भी किया।
नवरात्रि से लेकर दीपावली तक धामी ने स्वदेशी अपनाओ अभियान को भी ताकत दी। उन्होंने बाजार में कई बार जाकर स्वदेशी उत्पादों को अत्यंत रुचि के साथ खरीदकर आमजन को संदेश भी दिया।

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