निकाय चुनाव के लिए मजबूत दावेदार टटोल रही है BJP, प्रदेश अध्यक्ष ने केदारनाथ उपचुनाव की जीत का बताया मंत्र
स्थानीय निकाय चुनाव की तिथि भले ही अभी तय न हुई हो, लेकिन भाजपा ने अपनी कसरत तेज कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी चुनाव के लिए मजबूत दावेदारों को टटोल रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने शुक्रवार को दिल्ली से लौटकर प्रदेश भाजपा मुख्यालय में हुई टोली बैठक में निकाय चुनाव की रणनीति को लेकर विमर्श किया।
तय हुआ कि निकाय के तीनों स्तरों के लिए अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही संगठन पर्व के संबंध में भी चर्चा की। बताया गया कि राज्य में आसन्न निकाय चुनाव को देखते हुए पार्टी के सांगठनिक चुनाव 15 जनवरी तक के लिए टाल दिए गए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने निकाय चुनाव को लेकर टोली बैठक में पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी, खिलेंद्र चौधरी व राजेंद्र बिष्ट और प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार के साथ आगामी रणनीति पर मंथन किया। सूत्रों के अनुसार बैठक में तय किया गया कि पांच से 10 दिसंबर के बीच प्रत्येक नगरीय क्षेत्र में पार्टी की नवगठित बूथ कमेटियों का सम्मान किया जाएगा। निकायों के लिए आरक्षण तय होते ही पार्टी सभी जिलों में पर्यवेक्षक भेजेगी।
इसमें नगर निगम व शेष जिले के लिए तीन-तीन नेताओं को बतौर पर्यवेक्षक भेजा जाएगा। इनमें एक-एक विधायक भी शामिल होंगे। इसके अलावा प्रत्येक निकाय के लिए पार्टी एक-एक प्रभारी भी नियुक्त करेगी। बताया गया कि प्रभारियों की सूची तैयार कर ली गई है।
बंटोगे तो कटोगे का विकल्प तुष्टीकरण में ढूंढ रही कांग्रेस: भट्ट
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दावा किया कि विधानसभा की केदारनाथ सीट पर मिली जीत के क्रम को पार्टी आगामी निकाय व पंचायत चुनावों में भी दोहराएगी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ किए जाने को वह सच बताया जो आखिरकार जुबान पर आ ही गया। उन्होंने रावत के कथन को ”बटोगे तो कटोगे” का विकल्प तलाशने के लिए उनकी तुष्टीकरण नीति को नए सिरे से तराशने की कोशिश बताया। प्रदेश भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बातचीत में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि निकाय व पंचायत चुनाव के लिए पार्टी संगठन पूरी तरह तैयार है। जैसे ही तारीखों का ऐलान होगा, हम अपनी रणनीति धरातल पर उतरना शुरू कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव पर सत्य का अनुभव अक्सर हो जाता है। साथ ही कहा कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष के नेताओं को भी भाजपा नेताओं की लोकप्रियता और कार्यक्षमता का अहसास है। यही वजह है कि जब भी हमारी सरकार के कार्यों और उपलब्धियों को वे जनता के बीच पाते हैं तो फिर नकारात्मक राजनीति पर उतर जाते हैं। अच्छी बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को इस सच्चाई का अहसास हुआ है। वहीं उनके बंटेंगे तो कटेंगे का काट नहीं निकलने वाले बयान पर उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, कांग्रेस इसमें एकता का संदेश नहीं देख पाई और सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति ही करती रही है।