डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती पर देहरादून में श्रद्धांजलि, सीएम धामी बोले- राष्ट्र निर्माण में मुखर्जी का योगदान अविस्मरणीय

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा के संस्थापक एवं चिंतक डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर रविवार को मुख्यमंत्री आवास में उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि डा मुखर्जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। उनके विचार सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में भी डा मुखर्जी का भावपूर्ण स्मरण किया गया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि डा मुखर्जी की एक देश-एक पहचान की नीति पर चलकर ही आज कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि डा मुखर्जी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के वो पुरोधा थे, जिन्होंने देश विभाजन की नीयत को सबसे पहले पहचाना और उसका पुरजोर विरोध किया। वे देश के किसी भी नए विभाजन के लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं थे। जब तत्कालीन नेहरू सरकार ने कश्मीर के लिए अलग पीएम, झंडा व संविधान को स्वीकारा, तब वहां जाने के लिए वीजा परमिट के कानून का डा मुखर्जी ने उल्लंघन किया और अपने प्राणों का बलिदान देकर देश विभाजन वाले इस काले कानून को समाप्त कराया। उनकी इसी नीति पर आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त कर अमनचैन की वापसी की है। प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने कहा कि हम सबको डा मुखर्जी के बताए सिद्धांत पर अमल करते हुए आने वाले 50 वर्ष के लिए लक्ष्य तय कर आगे बढ़ना है। राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल व दायित्वधारी ज्योति प्रसाद गैरोला ने भी डा मुखर्जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर रोशनी डाली।
गोष्ठी में विधायक खजानदास, भाजपा नेता विनय गोयल, डा आदित्य कुमार, सुभाष बड़थ्वाल ने भी विचार रखे। संचालन प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी ने किया। उधर, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि डा मुखर्जी की जयंती पर मंडल स्तर पर हुई गोष्ठियों में उनका स्मरण किया गया।