सीएम धामी का उत्तराखंड के लोगों को बड़ा तोहफा, परिवहन निगम के बेड़े में शामिल होंगी 330 बसें
परिवहन निगम ने राज्य गठन के बाद पहली बार घाटे से उबरते हुए 56 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। अब इससे उत्साहित परिवहन निगम यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए 330 नई बसें खरीदने की तैयारी कर रहा है। इसमें पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों के लिए 200 सीएनजी बसें और पहाड़ी मार्गों के लिए 130 बसों का क्रय किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस उपलब्धि पर सचिव परिवहन अरविंद सिंह ह्यांकी और परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा आनंद श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
2003 में हुआ था परिवहन निगम का गठन
राज्य बनने के बाद वर्ष 2003 में परिवहन निगम का गठन हुआ था। निगम के हिस्से में उत्तर प्रदेश रोडवेज से 957 बसें आई थीं। इनमें से अधिसंख्य बसें पुरानी थी। पुरानी बसों के संचालन, देनदारियों व कुप्रबंधन के कारण परिवहन निगम लगातार घाटे में जाता रहा। कोरोना काल के दौरान तो परिवहन निगम 520 करोड़ के घाटे में पहुंच गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की कमान संभालने के बाद सभी विभागों को गुड गवर्नेंस के निर्देश दिए। जनता से जुड़े परिवहन निगम की समीक्षा स्वयं करते हुए अधिकारियों को इसके सुधार की जिम्मेदारी दी। नतीजतन वर्ष 2022 में परिवहन निगम ने 520 करोड़ के घाटे को पूरा करते हुए 29 करोड़ का मुनाफा कमाया। धामी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी निगम ने 27 करोड़ का मुनाफा कमाते हुए गुड गवर्नेंस का उदाहरण पेश किया। बीते ढाई वर्ष में निगम ने सभी खर्चों की पूर्ति कर 56 करोड़ का मुनाफा कमाया है।
राज्य में आठ बस स्टेशनों का हो चुका निर्माण
परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डा आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि बेहतर परिवहन व्यवस्था के लिए निगम लगातार सुधार कर रहा है। राज्य में आठ बस स्टेशन तैयार कर दिए गए हैं व 13 पर कार्य चल रहा है। हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी व काठगोदाम में चार अंतरराज्यीय बस अड्डे बनाए जाने प्रस्तावित हैं। श्रीनगर, कोटद्वार, रुड़की, रानीखेत व काशीपुर में वर्कशाप बनाने का प्रस्ताव है। ””सरकार पहले से ही गुड गवर्नेंस पर काम कर रही है। 20 साल के इतिहास में परिवहन निगम पहली बार घाटे से उबरा है। यह गुड गवर्नेंस का सबसे बड़ा उदाहरण है। आमजन से जुड़े विभागों में सरकार लगातार सुधार ला रही है।’- पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।